किसानों की आर्थिक बोझ को कम करने और उन्हें बिजली बिल से राहत देने के लिए राजस्थान सरकार ने “मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना” की शुरुआत की थी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 जुलाई 2021 को इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया था। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण किसानों को सीधी आर्थिक मदद देना और खेती की लागत को घटाना है।
किसानों को हर माह मिलती है बिजली बिल सब्सिडी
इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर महीने अधिकतम ₹1000 और सालाना ₹12,000 तक की सब्सिडी सीधे बिजली बिल में प्रदान की जाती है। यदि किसी किसान का बिजली बिल तय सीमा से कम आता है, तो सरकार पूरा बिल वहन करती है। वहीं, यदि बिल निर्धारित राशि से अधिक है तो शेष रकम का भुगतान किसान को स्वयं करना होता है। इस लाभ का फायदा केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास कृषि कनेक्शन है और जिनका आधार कार्ड तथा बैंक खाता बिजली कनेक्शन से जुड़ा हुआ है।
योजना से जुड़ी शर्तें और आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने अपना बिजली बिल का बकाया चुका दिया है। यदि बकाया राशि बाकी है तो किसान योजना से वंचित रह जाएगा। आवेदन प्रक्रिया फिलहाल ऑफलाइन है, जहां किसानों को अपने नजदीकी डिस्कॉम कार्यालय में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और बिजली बिल जैसे दस्तावेज जमा करने होते हैं।
अब तक लाखों किसानों को मिला लाभ
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना से अब तक 11.57 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। अजमेर डिस्कॉम क्षेत्र में 3.97 लाख किसानों को लगभग ₹319 करोड़ की सब्सिडी मिली है। जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र के 13,099 किसानों को ₹1.30 करोड़ की राहत पहुंचाई गई है। वहीं, जोधपुर डिस्कॉम क्षेत्र के 5,459 किसानों को ₹894.24 लाख रुपये की सब्सिडी का फायदा दिया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि योजना ने किसानों को बड़ी आर्थिक राहत प्रदान की है।
किसानों के लिए क्यों है यह योजना खास
यह योजना किसानों की आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। बिजली बिल में राहत मिलने से किसानों पर अतिरिक्त बोझ घटा है और वे खेती में आधुनिक तकनीक, सिंचाई साधनों और उत्पादन बढ़ाने पर अधिक ध्यान दे पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना किसानों की खुशहाली और कृषि विकास की अहम कड़ी बन चुकी है।